पत्थलगांव जशपुर रोड़ के विकास की गति तेज, वैसे हीअवैध कारोबार मे पूजी पतियों के रफ्तार गर्म जोश पर एक ओर ढाबे मे खुलकर दारू शराब परोसा जा रहा है तो वही दूसरी ओर बेकाबीज जमीन को भी ह्थ्याने के फिराक से तालाबो जैसे निस्तार तालाबो को पाठने का दौर भी जोरों पर है,,
पत्थलगांव
जैसे जैसे पत्थलगांव जशपुर रोड़ के विकास की गति तेज हो गई है वैसे वैसे अवैध कारोबार मे पूजी पतियों के रफ्तार तेज हो गई एक तरफ इस रोड़ के ढाबे मे खुलकर बारे आम दारू शराब परोसा जा रहा है तो वही दूसरी ओर बेकाबीज जमीन को भी ह्थ्याने के फिराक से तालाबो जैसे निस्तारी जिस तलाब के पानी पर जीव जानवर अश्रीत है उसे भी कब्जा कर पाठ्ने दौर शुरू है।
जिसमें अधिकारियों की मौन सहमति को दिखती है ऐसा कहा जाय तो गलत नहीं।
पत्थलगांव क्षेत्र में शासकीय जमीनों पर लगातार अतिक्रमण जारी है। शहर के पौराणिक व ऐतिहासिक तालाबों पर अतिक्रमणकारियो की बुरी नजर बनी हुई है तालाबों का मेड पर कब्जाकर पक्का निर्माण कर दिया गया है। ताजा मामला जशपुर रोड गुरुकुल कालेज के सामने स्थित खुर्सी बूढ़ी तालाब का है। इस तालाब को एक किनारे मिट्टी से पाटकर अतिक्रमण किया जा रहा है, नागरिकों का आरोप है कि इस तालाब में पूर्व में भी दस से बारह फिट तालाब के मेड पर अतिक्रमण कर पक्का निर्माण कराया जा चुका है अब फिर से तालाब में मिट्टी पाटा जा रहा है। बता दे कि यही हाल शहर में गिने चुने वजूद को तलाश रहे अन्य तालाबों की है,शहर की बढ़ती आबादी ने इनका अस्तित्व मिटाना शुरू कर दिया है। बचे तालाब अवैध कब्जे और अतिक्रमण की चपेट में हैं। प्रशासन भी इन्हें संरक्षित करने को लेकर बेफिक्र है, शहर के अनेकों तालाब अतिक्रमण के चलते सिमटते जा रहे हैं। शासकीय रिकॉर्ड में एकड़ों में तालाब का रकबा दर्ज है। इससे सटकर लोगों की जमीन है। इसकी आड़ में तालाब की जमीन पर अवैध कब्जा कर पक्के मकान बना लिए गए हैं। बचे-खुचे तालाब की जमीन पर भी मिट्टी डालकर पाटा जा रहा है। ऐसा नहीं है कि प्रशासन को इन मामलों का संज्ञान नहीं है लेकिन अधिकारियों द्वारा किसी भी प्रकार की कारवाई नहीं किए जाने से कब्जा करने वाले का हौसला चरम पर है।