सचिव के पंचायत कार्यों में अरुचि सचिवालय में असमय उपस्थिति से… ग्रामीण परेशान

पंचायत में सचिव का मुख्य कार्य ग्राम सभा और ग्राम पंचायत की बैठकों का आयोजन व लेखा-जोखा रखना, सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की निगरानी करना, विकास कार्यों का रिकॉर्ड बनाना, पंचायत का आय-व्यय का हिसाब रखना और नागरिकों के जन्म ,मृत्यु ,जाति प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज़ बनाने में मदद करना होता हैl
लेकिन पालीडीह पंचायत सचिव के दो जगह प्रभार लेने से और पंचायत कार्यों में अरुचि व सचिवालय से लगातार नदारत होने से ग्रामीणों को हताश होना पड़ रहा है वहीं इनके मनमानी रवैया से सरकार के महत्वाकांक्षी योजनाओ का भी बंटाधार हो रहा है।
आपको बता दे कि पालीडीह पंचायत जशपुर नगर जिले का पत्थलगांव जनपद अंतर्गत आता है जिसमें पिछड़ी जनजातीय आदिवासी समुदाय व पिछड़ा वर्ग भी निवासरत हैं जिन्हें सरकार के मंशा रोजगार से जोड़ने उद्देश्य कई योजनाएं उपलब्ध कराए है। जिसमें भूतपूर्व विधायक रामपुकार सिंह के सोच रही थी रोजगार के लिए मुख्य मार्ग से लगे रोड़ में कैंडिंग सह ढाबा मुख्य मार्ग के चौक के बीचों बीच कॉम्पेक्श बने और पात्र गरीबी रेखा से नीचे दबके तले लोग रोजगार से जुड़कर धन अर्जित कर परिवार का अच्छा लालन पालन सके और इससे पंचायत के भी आय में आमदनी के साधन बने
परन्तु यह विडम्बना तो देखिए यह होते भी आज पंचायत कंगाल क्यों है? बताया जा रहा है की सचिव गनपत सीदार से पंचों के द्वारा बार बार आय व्यय खर्च के पारदर्शिता जानकारी मांगने पर गोल गोल जवाब दे कर वे मीटिंग या काम का हवाला दे कर अपनी जिम्मेदारियों से भाग सचिवालय से नदारत हो जाते हैं जिसमें न किसी आवेदन योजनाओं का इनके द्वारा पारदर्शिता रखी जाती न लाभार्थियों को लाभ दिलाने में वे रुचे दिखाते। जिसके फलस्वरूप आवेदनों के निराकरण में विलंबता होती है और ग्रामीणों के परेशानी बढ़ रही है। ऐसे में ग्रामीणों के मांग गणपत सीदार को प्रभार से हटाने के मांग है।बहरहाल अब यह देखना होगा कि जनपद से लगे ऐसे गांवों के संवेदनशील मामलों में जनपद सुधार में क्या भूमिका निभाती है? या यूं ही ये विकास नाम के गंगा तर्ज मैली ही बहती रहेगी?