8 सूत्रीय मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ सहायिकाओं संयुक्त मंच के बैनर तले जशपुर के रणजीता स्टेडियम में एकदिवसीय धरना प्रदर्शन
जशपुर : आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ सहायिकाओं के लंबित मांगों के पूर्ति बाबत् आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संयुक्त मंच के बैनर तले जशपुर के रणजीता स्टेडियम में एकदिवसीय धरना प्रदर्शन और रैली का आयोजन हुआ,8 सूत्रीय मांगों को लेकर यहां आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने भारी संख्या में एकत्रित हो राज्य और केन्द्र सरकार का ध्यानाकर्षण कराया।इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने एकजुटता के साथ साथ जमकर नारेबाजी किया।कुछ देर उपरांत संयुक्त संघ के द्वारा जशपुर कलेक्टर को मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जायेगा।
ज्ञात हो कि 8 सूत्रीय मांग को लेकर बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं रणजीता स्टूडियो चौक में एकत्रित हुए।यहां उन्होंने अपनी मांग रखते हुए कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में कार्यरत सभी मेहनतकश महिला कर्मियों को जो मूलभूत सुविधा और लाभ केन्द्र और राज्य सरकार से मिलनी चाहिये उस पर ध्यानाकर्षण करने हेतु आज एक दिवसीय धरना / प्रदर्शन आयोजित कर ज्ञापन सौंपा जायेगा।उक्ताशय की जानकारी देते हुए जिलाध्यक्ष श्रीमती कविता यादव ने बताया कि इस वक्त संयुक्त मंच के द्वारा सरकार से मांग किया जा रहा है कि बढ़ते मंहगाई के इस दौर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका आर्थिक रूप से मानसिक रूप से परेशान है,विभागीय काम के अलावा भी कई सारे काम इनसे लिया जाता है जिसके कारण विभागीय काम में बाधा उत्पन्न होती है। राज्य और केन्द्र सरकार के नाम ज्ञापन सौंप मांग कर रहे है कि उनकी समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए त्वरित निदान किया जाये,जिसका संघ सदा आभारी रहेगा।श्रीमती यादव ने आशा व्यक्त करते हुए कहा है कि हमारी मांगों का निराकरण जल्द ही किया जायेगा इसका उम्मीद किया जा रहा है।श्रीमती यादव ने आगे 8 सूत्रीय प्रमुख मांगों को विस्तार से बताया।
1. नियमितीकरणः पंचायती राज के अधीन छत्तीसगढ़राज्य में पंचायत कर्मी, शिक्षा कर्मी, स्वास्थ्य कर्मी, पंचायत सचिवों जैसे मानसेवियों को सरकार नीति बनाकर उन्हें नियमित (शासकीय कर्मचारी) कर चुकी है, लेकिन हम आंगनवाड़ी कार्यकर्ता विगत 50 सालों से कार्यरत है लेकिन हम आज भी मानसेवी नहीं है। आपसे हमारी अनुरोध है कि सभी आंगनवाडी कार्यकर्ताओं को नियमित करते हुये शासकीय कर्मचारी घोषित किया जावे।
2. जीने लायक वेतन :- शासकीय कर्मचारी घोषित करने तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 21000/- और सहायिका को 17850/- जीने लायक वेतन स्वीकृत किया जावे। साथ ही वर्तमान में कार्यकर्ताओं को प्राप्त मानदेय 10000/- रूपये का 86 प्रतिशत राशि सहायिकाओं के लिये स्वीकत किया जावे।
3. सेवा निवृत्ति पश्चात पेंशन ग्रेज्युटीः- 35-40 वर्ष विभाग की सेवा करने के बाद भी बुढ़ापे के समय जीवन यापन हेतु ना तो कोई पेंशन मिल रहा है और ना ही एकमुश्त राशि। कार्यकर्ता को 10000/- और सहायिका को 8000/- मासिक पेंशन और बुढ़ापे के शेष जीवन यापन के लिये कार्यकर्ता को 05 लाख रूपये और सहायिका को 04 लाख रूपये एक मुश्त ग्रेज्युटी राशि प्रदान किया जावे।
4. समूह बीमा योजना लागू करनाः- भविष्य की सुरक्षा के लिये आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका को समूह बीमा योजना (GIS) में जोड़ा जाये। इस हेतु नीति निर्धारण किया जावे।
5. अनुकम्पा नियुक्ति : कार्यकर्ता सहायिका के आकस्मिक मृत्यु होने पर परिवार के एक सदस्य को अनुकम्पा नियुक्ति दिया जावे।
6. मंहगाई भत्ताः- मानदेय को मंहगाई भत्ता के साथ जोड़ा जाए मंहगाई भत्ता स्वीकृत किया जावे।
7. पदोन्नति बाबत् :- वर्षों से अल्प मानदेय में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं को पदोन्नति के पद रिक्त होने के बाद भी 50 प्रतिशत का प्रतिबंध होने के कारण इन्हें इसका लाभ नहीं मिल रहा है। 50 प्रतिशत का बंधन को समाप्त किया जाए और कार्यकर्ता को बिना उम्र बंधन के वरिष्टता क्रम में बिना परीक्षा के सुपरवाइजर के रिक्त शत प्रतिशत पद पर लिया जावे। इसी तरह सहायिकाओं को भी 50 प्रतिशत के बंधन को समाप्त कर कार्यकर्ता के पद रिक्त होने पर शत प्रतिशत वरिष्टता क्रम में कार्यकर्ता के पद पर पदोन्नति किया जावे।
8. सभी केन्द्रों में गैस सिलेण्डर और चूल्हा प्रदान किया जावे और इसकी नियमित रिफिलिंग की व्यवस्था सुगम बनाया जावे।