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आदिवासी नेता जिप अध्यक्ष सालिक साय का जन्मदिन धूमधाम से मनाने की तैयारी जोरों से

आदिवासी नेता जिप अध्यक्ष सालिक साय का जन्मदिन धूमधाम से मनाने की तैयारी जोरों पर“जनसेवा के प्रतीक” सालिक साय का जीवन सफर बना प्रेरणा का स्रोतजशपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में एक लोकप्रिय और कर्मठ आदिवासी नेता सालिक साय का जन्मदिन 21 अप्रैल को बड़े ही उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाने वाला है। इस मौके पर उनके कार्यकर्ता और समर्थक विशेष आयोजन की तैयारी में जुटे हुए हैं। सालिक साय न सिर्फ राजनीति में बल्कि सामाजिक क्षेत्र में भी एक मजबूत स्तंभ के रूप में पहचान बनाए हुए हैं। वर्तमान में वे जशपुर जिला पंचायत अध्यक्ष और भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं।संघर्षों से बनी सफलता की कहानीजशपुर जिले के ग्राम पोंगरो, कांसाबेल में जन्मे सालिक साय ने एक सामान्य परिवार से निकलकर असाधारण राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। पुलिस विभाग में कार्यरत पिता श्री जगबंधन साय और मां श्रीमती राजकुमारी देवी के सबसे छोटे संतान सालिक साय का बचपन कठिनाइयों में बीता। जब वे छोटे थे, तब ही उनकी मां का निधन हो गया, जिससे घर की पूरी जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई।दो बड़ी बहनों – सुशीला साय और कौशल्या साय – ने उन्हें मां जैसा स्नेह दिया और जीवन की चुनौतियों से लड़ने की प्रेरणा दी। आज उनकी बड़ी बहन सुशीला साय जनपद सीईओ की पत्नी हैं जबकि मंझली बहन कौशल्या साय मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की धर्मपत्नी हैं। उनके परिवार में पत्नी सबन्ति साय और तीन बच्चे हैं, जो उनके जीवन का आधार हैं।राजनीति में समर्पण का उदाहरणसालिक साय का राजनीतिक जीवन 1994 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से प्रारंभ हुआ और 1996 में उन्होंने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता ली। वे पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. दिलीप सिंह जूदेव और वर्तमान मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के सानिध्य में राजनीति के गुर सीखते गए।वे कांसाबेल मंडल से लेकर प्रदेश स्तरीय जिम्मेदारियों तक पहुंचे हैं। 2005 से लेकर अब तक उन्होंने जनपद पंचायत अध्यक्ष, जिला पंचायत सदस्य, कृषि स्थायी समिति के सभापति, जिला सह प्रभारी, मंडल अध्यक्ष से लेकर विधानसभा चुनाव संचालक जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया।कांग्रेस के अभेद गढ़ को तोड़ाराजनीतिक कौशल और रणनीति के कारण सालिक साय को पत्थलगांव विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी गोमती साय के लिए चुनाव संचालक बनाया गया। उनकी सूझबूझ और मेहनत के चलते कांग्रेस के मजबूत गढ़ माने जाने वाले इस क्षेत्र में भाजपा की ऐतिहासिक जीत दर्ज हुई। यही नहीं, जिला पंचायत चुनाव में भी सालिक साय ने पत्थलगांव का काडरो क्षेत्र जो सदैव कांग्रेस का गढ़ रहा है इस बार सालिक साय ने इस क्षेत्र से रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल कर यह साबित किया कि जनता आज भी सच्चे जनसेवक को पहचानती है और सम्मान देती है।समाजसेवा में भी अग्रणीराजनीति के साथ-साथ सालिक साय समाज सेवा में भी सक्रिय हैं। 2006 से 2010 तक उन्होंने अखिल भारतीय कंवर समाज के सदस्यता प्रभारी और सलाहकार समिति के पद पर रहकर समाज के लिए सेवा कार्य किए।भव्य आयोजन की तैयारी21 अप्रैल को उनके जन्मदिन पर कार्यकर्ताओं ने विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई है। जिले भर से लोग इस आयोजन में शामिल होकर उन्हें शुभकामनाएं देंगे।सालिक साय का जीवन एक सच्चे जनसेवक की कहानी है, जहां संघर्ष, समर्पण और सेवा ने उन्हें जनता का प्रिय नेता बना दिया। उनका जन्मदिन अब केवल एक व्यक्तिगत उत्सव नहीं, बल्कि जनसेवा की प्रेरणा का पर्व बन गया है।

Manoranjan Das Mahant

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