पालीडिह सरकारी ढाबा बना मनमानी काअड्डा, पंचायत ने तीन दिन में मांगा जवाब

पालीडिह सरकारी ढाबा बना मनमानी का अड्डा, पंचायत ने तीन दिन में मांगा जवाब पालीडीह पंचायत ने हस्ताक्षित नोटिस जारी कर तीन दिवस उपरांत लिखित अनुमति ढाबा संचालन मनमानी किराया लेने देने संबंध जवाब प्रस्तुत करने बाबत सभी पंच तथा सरपंच ने नोटिस अज्ञात ढाबा संचालक के नाम दिए हैं। मामला जशपुर जिले पत्थलगांव विधानसभा क्षेत्र के है जिसमें केंद्र एवं राज्य सरकार के द्वारा आदिवासी जनजातीय निवासरत शहर से लगे ग्राम का है जिसे रोजगार से जोड़ने उद्देश्य रूबन मिशन अंतर्गत कलस्टर ग्राम पंचायत पालीडिह को योजना रूबन मिशन अंतर्गत ढाबा ग्रामीण के युवाओं तथा महिलाओं को रोजगार के लिए सरकार ने उपलब्ध कराए है,जिसमें किसी गैर अज्ञात संचालक के द्वारा ढाबा संचालन करने मामला का मामला आया।

आपको बता दें की पालीडीह ग्राम पंचायत जिले के एक ऐसा ग्राम पंचायत के नाम से मशहूर है जिसमें भ्रष्टाचार के आरोप के मामले पूर्व से उजागर होते आ रहे हैं यह बात जगजाहिर रही है और हर बार ऐसे मामलों का आना इस बात को और स्पष्ट करता है की पूर्व पिछले 5 सालों से, पूर्व सरपंच भास्कर सिदार के कार्यकाल से पालीडीह का नाता विवादों से घिरा रहा है,चाहे मामला फर्जी वन अधिकार पट्टा हो या राशि के बंदरबाट का हो यह सिलसिला चलता ही रहा है। लेकिन जनता के गुहार के न्याय सिर्फ सरकारी दफ्तरों के साथ कागजों में ही सिमट कर रह गई इसे जनता के जागरूपता के कमी माने या शासन प्रशासन की दुर्बलता ये विडंबना है।इसी परिपाटी में एक मामला पुनः सामने आया है जिसमें पालीडीह पंचायत ने सरकारी ढाबा पर गैर अनुमति ढाबा संचालन अनजान मनमानी पैसा वसूली जैसे मामलों का उजागर पूर्व सरपंच के कार्यकाल के गैर रवैया को स्पष्ट कर दिया है, जिसमें ढाबे पर पूर्व सरपंच के नाम पर बिजली मीटर जारी होना बताया जा रहा जिसे किसी अन्य व्यक्ति द्वारा संचालित किया जा रहा है।

जिसमें पंचायत ने लिखित कहा है कि उक्त ढाबा पंचायत के अधिनस्त में आता है और वर्तमान में एक बाहरी अज्ञात संचालक के द्वारा संचालित किया जा रहा जिसकी जानकारी पंचायत को नहीं है। जिसे पंचायत के वर्तमान कार्यकारिणी पंच सरपंच के हस्ताक्षरित अनुमति पेश करने होगे। और यदि अनुमति दस्तावेज तीन दिवस के अंदर पेश नहीं करते हैं तो पंचायत बैठक में उक्त ढाबे के संबंध में ढाबा संचालक पर बैठक उपरांत कार्रवाई के लिए विचार करेगी तथा ढाबा को पंचायत अपने कब्जे में निर्णय लेने के लिए सर्वोपरि होगी। बताया जा रहा उक्त ढाबा अब कुछ लोगों का अड्डा का जगह बन गया जो कि जिसे लेकर ग्रामीण तथा वार्ड वासियों ने आपत्ति जताई जिस पर पंचायत ने संचालक को नोटिस थमाया है।