टीवशन पढाकर पैदल घर वापस जा रहे शिक्षक को अज्ञात वाहन ने मारी टक्कर,, शिक्षक और इंजियर दोनों के हालात गंभीर

टीवशन पढाकर पैदल घर वापस जा रहे शिक्षक को अज्ञात वाहन ने मारी टक्कर जिसमे शिक्षक और एक बाईक चालक दोनों के सिर तथा मुह कान में गंभीर चोटे आई हैं। जिसे देख तत्काल अच्छे नागरिक होने का परिचय देते हुए मानवता दिखाया महेश लकडा और जेशिका मुर्गी फार्म के संचालक ने, रोड़ में जख्मी पड़े दोनों बेयक्ति को तुरंत महेश के द्वारा Ag हॉस्पिटल भेजा मामले में गंभीर शिक्षक के सिर पर गंभीर चोट से रक्त बहाव नही रुकने के हलात में शिक्षक को आग हॉस्पिटल से पथलगाव शिविल हॉस्पिटल भेजा गया। मैके मे लोगों का कहना है घटना जशपुर रोड़ लाखझार जेशिका मुर्गी फार्म के सामने का है जिसमे जशपुर दिशा से आ रही एक बाईक चालक अचानक रोड़ में अनियंत्रित होकर जा गिरा जिसमे दो लोग बाईक चालक व एक अन्य रोड़ में पैदल जा रहा अज्ञात बेयक्ति जिसकी पहचान बाद में होरीजोन पब्लिक स्कूल के शिक्षक के रूप मे बताया जा रहा है। तथा दूसरे बाईक चालक के पहचान लोगों ने जनपद कार्यलय के राम पाल इंजियर के रूप में बताया।
बताया जा रहा है गंभीर रूप घायल होरीजोंन पब्लिक स्कूल के शिक्षक थे और वे ट्विशन क्लाश पढ़ा कर वापस घर जा रहे थे तभी यह घटना गठित घटा जिसे लोग अनुमान नही लगा पा रहे हैं की यह घटना वास्तव में कैसे घटी और किसने किसे ठोकर मारी घटना में दोनों ही को सिर कान नाक में गंभीर चोटे है जिससे दोनों ही कुछ बता पाने में असमर्थ हैं तथा दोनों को ही उपचार के लिए बाहर भेजने के तैयारी उनके परिजन दोस्त कर रहे हैं ऐसा लोगों ने बताया है।

भर्ती सीविल हॉस्पिटल में शिक्षक के उपचार में अनदेखी
घंटो तक बेड में जख्मी शिक्षक ठंड और दर्द से तड़ता रहा लेकिन ट्विटी में तैनात नर्स बेफ़िक्र अपनी जगह पर बैठ गप् मारते रहे। ऐसा लोगों के कहना है। उनकी नाक कान के बहते खुन को साफ करना तो दूर उन्हें एक कम्बल ओढ़ने के लिए भी नही दिया गया जब परिजन दोस्त किसी तरह हॉस्पिटल पहुचे और घायल को देखा तो उन्होंने ईलाज शुरू कराने के आग्रह किया लेकिन उन्हे नर्स के द्वारा अमानविय और कड़े लब्ज में जबाब देकर पीड़ित परिवार को हतोत्साहित किया, जिसे सभी को गौर करने होंगे की आखिर शहर मे एक मात्र हॉस्पिटल है जिसमे आमिर गरीब सभी अपनी जान बचाने के आस में भागे भागे आते है और ऐसे में घयाल मरीजों के देख भाल में लापरवाही की जाए तो लोग जाए तो कहाँ जाए, यह सवाल उठता है। जिसे अधिकारीयों के साथ हमारे नेताओँ को ध्यान देना होगा ऐसा कहा जा रहा है,